रेखा गुप्ता जी
एक समर्पित शिक्षाविद्, राजनेता और महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा

प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रेखा गुप्ता का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता एक समाजसेवी थे, जिन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया। माता एक शिक्षिका थीं, जिन्होंने रेखा जी को प्रारंभ से ही शिक्षा और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया।
पारिवारिक परिवेश में मिले संस्कारों ने रेखा जी को एक संवेदनशील, जिम्मेदार और समाज के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनाया। उन्होंने बाल्यकाल से ही नेतृत्व क्षमता का परिचय देना शुरू कर दिया था।
शिक्ष
रेखा गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई। उन्होंने विज्ञान विषय में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर राजनीति शास्त्र में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की।
उनकी शिक्षा यात्रा के दौरान ही छात्र राजनीति में उनकी रुचि बढ़ी। वे कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर छात्र संगठनों में सक्रिय रहीं और नेतृत्व पदों पर भी आसीन रहीं।
छात्र राजनीति में प्रवे
रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ीं और छात्र हितों के लिए संघर्षरत रहीं। उनके नेतृत्व कौशल और संगठनात्मक क्षमता के कारण उन्हें 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष चुना गया।
यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि रेखा गुप्ता DUSU की अध्यक्ष बनने वाली कुछ गिनी-चुनी महिलाओं में से एक थीं। उनके कार्यकाल में छात्राओं की सुरक्षा, सुविधाएं और अकादमिक सुधारों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सामाजिक कार्य और महिलाओं के लिए योगदान
राजनीति में रहते हुए भी रेखा गुप्ता ने सामाजिक कार्यों से खुद को जोड़े रखा। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए कई पहल कीं।
वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण शिविरों, हेल्थ चेकअप कैंप और कानूनी सहायता केंद्रों का आयोजन करती रही हैं। उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई NGO के साथ काम किया।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) में भूमिका
रेखा गुप्ता ने छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्य बनीं। अपने संगठनात्मक कौशल, नीतिगत समझ और लोगों से जुड़ाव के कारण वे पार्टी में लगातार प्रगति करती रहीं।
उन्हें दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने महिला मतदाताओं से पार्टी को जोड़ने का सफल प्रयास किया। इसके बाद वे दिल्ली प्रदेश बीजेपी की कार्यकारिणी में भी शामिल रहीं।
दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद सदस्य
रेखा गुप्ता लंबे समय तक दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (Executive Council) की सदस्य भी रहीं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता और अकादमिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया।
उन्होंने पाठ्यक्रम विकास, शिक्षकों की नियुक्ति, छात्रों की समस्याओं और विश्वविद्यालय की नीतियों को लेकर कई सकारात्मक बदलावों का नेतृत्व किया।
चुनावों में भागीदारी
रेखा गुप्ता ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों में भी हिस्सा लिया। वे दिल्ली के शालीमार बाग वार्ड से पार्षद चुनी गईं। पार्षद के रूप में उन्होंने क्षेत्र में स्वच्छता, जल आपूर्ति, सड़कों के सुधार और महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
उनका कार्यशैली पारदर्शी और जनता के प्रति उत्तरदायी रही, जिससे वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय रहीं।
पुरस्कार और सम्मा
रेखा गुप्ता को समाजसेवा, शिक्षा और राजनीति में उनके योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है। इनमें से प्रमुख हैं:
- “नारी शक्ति सम्मान” – महिलाओं के कल्याण हेतु प्रयासों के लिए
- “सर्वोत्तम पार्षद पुरस्कार” – MCD में प्रभावी काम के लिए
- “शिक्षा रत्न” – शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों के लिए
इन पुरस्कारों ने उनके सामाजिक और राजनीतिक योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
मीडिया और वक्तृत्व कला
रेखा गुप्ता एक प्रभावी वक्ता भी हैं। वे विभिन्न समाचार चैनलों और मंचों पर सामाजिक, शैक्षिक और महिला मुद्दों पर अपनी राय स्पष्टता और तथ्यों के साथ रखती रही हैं।
उनके भाषण प्रेरणादायक, तथ्यपरक और तर्कपूर्ण होते हैं, जिससे वे युवाओं, खासकर छात्राओं के बीच एक आदर्श बन गई हैं।
मुख्यमंत्री पद, सीट और अनुभव
- पद और सत्ता: रेखा गुप्ता 20 फरवरी 2025 से दिल्ली की 9वीं और चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं apnews.com+15en.wikipedia.org+15rajasthan.ndtv.in+15।
- विधायी सीट: वह शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से 2025 के चुनाव में पहली बार विधायक बनीं, जिसमें उन्होंने AAP की बंदना कुमारी को लगभग 29,600 वोटों से पराजित किया ndtv.in+11livemint.com+11ruralvoice.in+11।
- अनुभव: तीन बार पार्षद रह चुकीं, DU छात्रसंघ की अध्यक्ष, दिल्ली BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय में सक्रिय रहे करियर ने उन्हें मजबूत संगठन क्षमता दी aajtak.in+8livemint.com+8aajtak.in+8।
रेखा गुप्ता और महिला सशक्तिकरण
रेखा गुप्ता का मानना है कि जब तक महिलाएं शिक्षित और आत्मनिर्भर नहीं होंगी, तब तक समाज का पूर्ण विकास संभव नहीं है। इसी सोच के साथ उन्होंने:
- महिलाओं के लिए कंप्यूटर शिक्षा केंद्र शुरू किए।
- बालिकाओं के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण अभियान चलाया।
- महिला सुरक्षा पर जागरूकता रैली और सेमिनार आयोजित किए।
उनकी ये पहल न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर हैं, बल्कि समाज की सोच बदलने का भी माध्यम बनी हैं।
व्यक्तिगत जीव
रेखा गुप्ता का वैवाहिक जीवन बहुत संतुलित और प्रेरणादायक है। उनके पति भी समाजसेवा से जुड़े हैं और हमेशा उनके सामाजिक कार्यों में सहयोग करते हैं।
वे एक पुत्र और एक पुत्री की माता हैं, जिन्हें उन्होंने भी संस्कार, शिक्षा और देशसेवा की भावना के साथ बड़ा किया है।
चुनौतियां और संघर्ष
राजनीति में एक महिला होने के नाते रेखा गुप्ता को कई बार भेदभाव, आलोचना और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
उन्होंने कठिनाइयों को अवसर में बदला और हर बार मजबूती से उभरीं। यही कारण है कि वे आज हजारों युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
सोशल मीडिया उपस्थिति
रेखा गुप्ता आज के डिजिटल युग में भी सक्रिय हैं। वे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपनी गतिविधियों, विचारों और जनसमस्याओं से जुड़े विषयों पर नियमित रूप से पोस्ट करती हैं।
उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद कायम करने का माध्यम बनी हुई है।
वर्तमान भूमिका और भविष्य की योजनाएं
वर्तमान में रेखा गुप्ता बीजेपी में एक वरिष्ठ नेता के रूप में सक्रिय हैं और महिला मोर्चा तथा शिक्षा से जुड़े मामलों में सलाहकार की भूमिका निभा रही हैं।
उनकी भविष्य की योजना एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना है जो महिलाओं, युवाओं और विद्यार्थियों को नेतृत्व के लिए प्रशिक्षित करे और उन्हें समाज में बदलाव लाने की ताकत दे।
निष्कर्ष
रेखा गुप्ता एक ऐसी व्यक्तित्व हैं जिन्होंने शिक्षा, राजनीति, समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपने अमिट योगदान से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।
उनकी जीवनी एक प्रेरक गाथा है — एक साधारण परिवार की लड़की कैसे अपने प्रयास, संघर्ष और संकल्प से लाखों के लिए प्रेरणा बन जाती है।